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Upasana Ke Kshan (उपासना के क्षण)

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मित्रों व प्रेमियों के छोटे-छोटे समूहों के बीच प्रश्नोत्तर सहित ओशो द्वारा दी गईं ग्यारह अंतरंग OSHO Talks का संग्रह

Details

उपासना का मतलब होता है: ‘उसके’ पास बैठना। और जितना द्वैत होगा, उतनी आसन से दूरी रहेगी। उतनी उपासना कम होगी। जितना अभेद होगा, उतने ही उसके निकट हम बैठ पाएंगे। उपवास का भी वही अर्थ होता है, उपासना का भी वही अर्थ होता है। उपवास का मतलब होता है: उसके निकट रहना। उसका मतलब भी भूखे मरना नहीं होता है।
तो उसके निकट हम कैसे पहुंच जाएं?
और अगर उसकी निकटता में थोड़ी भी दूरी रही, तो दूरी रही। तो उसके निकट तो हम वही होकर ही हो सकते हैं। कितनी भी निकटता रही, तो भी दूरी रही। निकटता भी दूरी का ही नाम है--कम दूरी का नाम, ज्यादा दूरी का नाम। तो ठीक निकट तो हम तभी हो सकते हैं, जब हम वही हो जाएं।
ओशो

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