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Sabai Sayane Ek Mat (सबै सयाने एकमत)
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दादू-वाणी पर प्रश्नोत्तर सहित पुणे में हुई सीरीज के अंतर्गत दी गईं दस OSHO Talks
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ओशो कहते हैं : ‘पृथ्वी में दो तरह के लोग हैं : सयाने, प्रौढ़, जागे हुए; और सोए हुए, अप्रौढ़, बचकाने। सयाने और बचकाने, ऐसी दो जातियां हैं दुनिया में।
‘बचकानों की हजारों जातियां हैं—पंथ, संप्रदाय, मत, शास्त्र। सयानों का एक ही मत है, एक ही जाति है। क्योंकि एक ही वक्तव्य है उनका—कि तुम मिटो तो परमात्मा हो जाए। तुम्हारा होना—प्रपंच, पाखंड। तुम्हारा मिटना—परमात्मा के आगमन के लिए द्वार। तुम खोओ ताकि परमात्मा मिल जाए। बूंद सागर में डूब जाती है तो सागर हो जाती है।’
ऐसे ही एक ‘सयाने’ संत दादू दयाल के भक्ति-सिक्त वचनों पर ओशो के दस प्रवचनों के इस संकलन में ओशो ने भाव-जगत से संबंधित गूढ़ प्रश्नों के उत्तर भी दिए हैं।
‘बचकानों की हजारों जातियां हैं—पंथ, संप्रदाय, मत, शास्त्र। सयानों का एक ही मत है, एक ही जाति है। क्योंकि एक ही वक्तव्य है उनका—कि तुम मिटो तो परमात्मा हो जाए। तुम्हारा होना—प्रपंच, पाखंड। तुम्हारा मिटना—परमात्मा के आगमन के लिए द्वार। तुम खोओ ताकि परमात्मा मिल जाए। बूंद सागर में डूब जाती है तो सागर हो जाती है।’
ऐसे ही एक ‘सयाने’ संत दादू दयाल के भक्ति-सिक्त वचनों पर ओशो के दस प्रवचनों के इस संकलन में ओशो ने भाव-जगत से संबंधित गूढ़ प्रश्नों के उत्तर भी दिए हैं।
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