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Kya Manushya Ek Yantra Hai? (क्या मनुष्य एक यंत्र है?)

₹200.00
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जीवन के विभिन्न पहलुओं पर क्रास मैदान, मुंबई में हुई सीरीज के अंतर्गत दी गईं चार OSHO Talks
ISBN-13: 978-81-7261-261-0
No. of Pages: 100
Cover: HARD COVER

Details

"मनुष्य एक यंत्र है, क्योंकि सोया हुआ है। और जो सोया हुआ है और यंत्र है, वह मृत है। उसे जीवन का केवल आभास है, कोई अनुभव नहीं है। और इस सोए हुए होने में वह जो भी करेगा--चाहे वह धन इकट्ठा करे, चाहे वह धर्म इकट्ठा करे, चाहे वह दुकान चलाए और चाहे वह मंदिर, और चाहे वह यश कमाए और चाहे त्याग करे, इस सोई हुई स्थिति में जो भी किया जाएगा, वह मृत्यु के अलावा और कहीं नहीं ले जा सकता है।"—ओशो
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:
  • क्या आप अपने विचारों के मालिक हैं?
  • वे कौन सी परतंत्रताएं हैं जो मनुष्य के जीवन को सब ओर से घेरे हुए रहती हैं?
  • क्या है भय का मनोविज्ञान?
  • जाग्रत चित्त सत्य की और स्वयं की खोज का द्वार है
  • जागरूकता क्या है?