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Jas Panihar Dhare Sir Gagar (जस पनिहार धरे सिर गागर)
₹410.00
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धनी धरमदास के पदों पर प्रश्नोत्तर सहित पुणे में हुई सीरीज के अंतर्गत दी गईं ग्यारह OSHO Talks
ISBN-13: 978-81-7261-402-7
Cover: HARD COVER
Details
‘धनी धरमदास की भी ऐसी ही अवस्था थी। धन था, पद था, प्रतिष्ठा थी। पंड़ित-पुरोहित घर में पूजा करते थे। अपना मंदिर था। और खूब तीर्थयात्रा करते थे। शास्त्र का वाचन चलता था, सुविधा भी बहुत, सत्संग करते थे। लेकिन जब तक कबीर से मिलन न हुआ तब तक जीवन नीरस था।
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